बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। ताप्ती पिरामिड केन्द्र, ताप्ती घाट, खेड़ी में तीन दिवसीय नि:शुल्क आनापान ध्यान शिविर का आयोजन 4 मई से 6 मई के बीच संपन्न हुआ। शिविर में इंदौर, बैतूल जिले से लगभग 75 ध्यानियों ने भाग लिया। गौतम बुद्ध द्वारा दी गयी अनापान ध्यान विधि जिसमें ध्यानी 40-45 मिनट या इससे अधिक 60 मिनट तक आंखें बंद कर बैठ कर अपनी आती जाती स्वांस को देखते हुए आनापान ध्यान करता है अनापान आत्मनिरीक्षण द्वारा आत्मशुद्धि की अत्यंत पुरातन साधना-विधि है। जो जैसा है, उसे ठीक वैसा ही देखना-समझना अनापान ध्यान है। लगभग 2500  वर्ष पूर्व भगवान गौतम बुद्ध ने विलुप्त हुई इस पद्धति का पुन: अनुसंधान कर इसे सार्वजनिक रोग के सार्वजनिक इलाज, जीवन जीने की कला, के रूप में सर्वसुलभ बनाया।जीवन जीने की कला. इस सार्वजनिक-साधना-विधि का उद्देश्य विकारों का संपूर्ण निर्मूलन और परिणामतः परमविमुक्ति का उच्च आनंद प्राप्त करना है। शिविर में अनापान ध्यान, सक्रिय ध्यान,  कीर्तन ध्यान के विशेष सत्र हुए। आयोजन के सूत्रधार तिलक अरोरा व संजीव डफरे द्वारा कार्यक्रम को संपन्न कराने में विशेष भूमिका निभाई। ध्यान साधिका सुश्री संतोष पंडिया श्रीमती दीपिका भावसार ने आमंत्रित ध्यान साधकों को जीवन में अपने कार्यो को आनंदित रहते हुये कैसे करे ध्यान से जीवन में होने वाले शारीरिक मानसिक अध्यात्मिक परिवर्तन के बारे में न सिर्फ अवगत कराया बल्कि इससे जुड़े अपने अनुभव साधकों के साथ साझा किये।

पिरामिड  स्परिच्युअल सोसायटी मूवमेंट महिला इकाई से जुड़ी आयोजन के प्रमुख सहयोगी मेघा शर्मा, अनु पारे आयोजन को सफल बनाने अहम भूमिका रही।

आयोजन को सफल बनाने में हेमु साहू , गणेश आहाके जगदीश नागले, भवानी सिंग का सराहनीय सहयोग रहा।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 08 मई 2024