भोपाल । मुख्यमंत्री कन्या एवं विवाह योजना के तहत दिए जाने वाले दोयम दर्जे के गृहस्थी के सामान से कन्याओं को नहीं जूझना पड़ेगा। सामान की जगह अब सरकार 49 हजार रुपए का चैक कन्या के हाथों में थमाएगी। जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। ओलावृष्टि से ग्रसित किसानों की बेटियों को भी योजना में शामिल किया गया है।
अब कन्याओं को सरकारी योजना के तहत सामूहिक विवाह में विवाह सूत्र में बंधने पर मिलने वाले ठीकरों से मुक्ति मिल जाएगी। कई जिलों में दोयम दर्जे के सामान के वितरण की शिकायतों के बाद मप्र शासन ने निर्णय लिया है कि बेटियों को विवाह के बाद 49 हिजार रुपए का अकाउंट पेयी चैक दिया जाएगा। प्रत्येक कन्या, परित्यक्तता, विधवा वधू के लिए 55 हजार रुपए की राशि तय की गई है, जिसके मान से 6 हजार रुपए सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजनकर्ता को दिए जाएंगे। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला ने निर्देश जारी करते हुए उपहार सामग्री प्रदान करने से संबंधित सभी आदेशों को निरस्त कर दिया है। हालांकि जिन जिलों में सामग्री वितरण के लिए क्रय आदेश जारी कर दिए गए हैं, उन्हें इस बार छूट प्रदान की गई है।
ओलावृष्टि से ग्रसित किसानों को छूट
हाल ही में मौसम की मार के चलते हुई ओलावृष्टि और बारिश के कारण 25 प्रतिशत से ज्यादा फसलें खराब होने से ग्रसित किसानों को ही इस योजना में पात्रता दी गई है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाय योजना के तहत ओलावृष्टि से पीडि़त किसानों की बेटियां भी ब्याही  जाएंगी, जिसके लिए पृथक से निर्देश जारी करते हुए प्रमुख सचिव ने आवेदन करने की समयसीमा से किसानों को छूट दे दी है। आदेश में कहा गया है कि असमय बारिश से फसलों में हुए नुकसान को झेल रहे किसानों के लिए सामूहिक विवाह हेतु आवेदन करने की समयसीमा के बंधन से मुक्त किया जाता है।