भोपाल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। एंंटी इनकम्बेंसी का दबाव भाजपा में साफ दिखाई दे रहा है और कर्नाटक चुनाव के रिजल्ट के बाद यह दबाव पार्टी आलाकमान पर बोझ बन गया है? इस बोझ को हल्का करने के लिए यदि आलाकमान अचानक गुजरात फार्मूला लेकर आ जाती है तो किसी को भी आश्चर्य नहीं होना चाहिए। तमाम प्रयास के बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्यकर्ताओं में उबासी और मतदाताओं में उत्साहहीनता को तोड़ नहीं पा रहे है! उनकी चुनावी रेवडिय़ों के दबाव में कांग्रेस के कमलनाथ भी रेवडिय़ां का आश्वासन बंटवाने में कंजूसी नहीं कर रहे है। इसलिए लाड़ली बहना से जो माहौल बनना था वह भी नहीं बन पा रहा है। अब ऐसी स्थिति में पार्टी के अंदर भी एक अलग तरह की छटपटाहट है, जो अब स्पष्ट दिखने लगी है। इस स्थिति में जिस तरह से सीएम हाउस में एक अप्रत्याशित और मैराथन बैठक हुई वह भी इस बात का संकेत दे रही है कि कही कुछ ऐसा जरूर है जो बदलाव के इशारे कर रहा है। पार्टी के अंदरखाने के सूत्र बताते है कि आलाकमान को लग रहा है कि शिवराज और वीडी शर्मा के भरोसे विधानसभा चुनाव में नैय्या पार लगाना कठिन हो सकता है। क्योंकि एंटी इनकम्बेंसी बहुत ज्यादा है।  इस स्थिति में शिवराज सिंह चौहान आम मतदाताओं में पहले जैसी अपील नहीं कर पा रहे हैं और वहीं वीडी शर्मा संगठन में विशेषकर कार्यकर्ताओं के अंदर जोश नहीं जगा पा रहे है। इसलिए कि अब ओबीसी सीएम की जगह ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल एमपी में मोर्चा संभाल सकते है? वहीं सीएम के रूप में ग्वालियर चम्बल क्षेत्र के बड़े चेहरे केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को सीएम की कमान दी जा सकती है? यह इसलिए संभव नजर आ रहे है कि भाजपा के थिंक टैंक को लग रहा है कि चेहरे बदलने से लोगों में और कार्यकर्ताओं में उत्सुकता, उम्मीद और उत्साह बढ़ सकता है। इस तरह का बदलाव कर गुजरात में सबको हैरत में डालने वाला रिजल्ट भाजपा हासिल कर चुकी है, चूंकि कर्नाटक में जिस तरह का रिजल्ट आया है उसे भांपने के बाद भाजपा आला कमान तमाम रणनीतियों पर पुनर्विचार कर रहा है और बहुत जल्द क्विक और इफेक्टिव एक्शन देखने और सुनने में आएगा। वैसे भी शिवराज और वीडी की जोड़ी पार्टी के अंदर असंतोष को फैलने से रोक नहीं पा रही है। इसलिए बदलाव अवश्यम्भावी माना जा रहा है।
नवल वर्मा हेडलाइन भोपाल 25 मई 2023