बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। दीनदयाल रसोई में अब फिर से 5 रूपए में ही भोजन दिए जाने की तैयारी है। अभी फिलहाल यह भोजन 10 रूपए में दिया जा रहा है। इसके साथ ही जिले में बैतूल के अलावा सारनी, मुलताई और आमला में भी दीनदयाल रसोई की शुरूआत की जा ही है। आगामी 01 सितम्बर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्चुअल तरीके से इन नई रसोई का शुभारंभ करेंगे। इस संबंध में आयुक्त नगरीय प्रशासन ने वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से सोमवार को अधिकारियों से जानकारी ली और उन्हें सरकार की गाईड लाईन और दिशा निर्देश से अवगत कराया है। सोमवार को नगरीय क्षेत्र में धारणाधिकार के तहत दिए जाने वाले आवासीय पट्टे, स्वरोजगार लोन स्कीम और दीनदयाल रसोई को लेकर समीक्षा की जा रही है। आयुक्त आईएएस भरत यादव ने नगरीय निकायों के अधिकारों को दो टूक शब्दों में कहा है कि बेहतर स्थान पर व्यवस्थित तरीके से नई रसोई शुरू होना चाहिए। भोजन गुणवत्ता वाला होना चाहिए। जहां अभी वर्तमान में रसोई चल रही है, वहां भोजन की व्यवस्था और क्वालिटी की लगातार मॉनीटरिंग करें। दीनदयाल रसोई से समाजसेवी तबके की कनेक्टिविटी बढ़ाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों को लगातार दीनदयाल रसोई में आमंत्रित करें, जिससे कि वे भी भोजन की गुणवत्ता को लेकर मॉनीटरिंग करें। सारनी और मुलताई में टेंडर प्रक्रिया हो चुकी है, वहीं आमला में वेंडर का चयन किया जाना है। गौरतलब यह है कि बैतूल में जिस श्रेयस एजुकेशन एण्ड वेलफेयर आर्गनाईजेशन के पास वर्तमान में दीनदयाल रसोई का काम है, उसी को टेंडर में सारनी और मुलताई का भी काम मिला है। वहीं प्रतिष्ठा स्व सहायता समूह है उसका नाम आमला में वेंडर के रूप में दर्ज है। सीएमओ ओमपाल भदौरिया का कहना है कि भोजन की गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता है।

- धारधाधिकार के पट्टों के मामले में तेजी लाने के निर्देश...
वीडियो कान्फ्रेसिंग के दौरान नगरीय क्षेत्र के आवासीय पट्टों के मामले में उन्होंने बिन्दुवार जानकारी ली और निर्देश दिए कि प्रक्रिया में तेजी लाए। राजस्व अमले के साथ सहयोग करें और जल्द से जल्द तमाम पट्टों के आवेदनों का निराकरण कर फाईनल पट्टे बनाकर रखे।
बलवीर जैसा क्वालिटी का भोजन अब नहीं मिलता
बैतूल में चलने वाली दीनदयाल रसोई जब तक बलवीर के हाथों रही, तब तक उसमें जनसहभागिता थी। भोजन की गुणवत्ता इतनी उम्दां थी कि पूर्व जिला भाजपा अध्यक्ष बाबा माकोड़े दिन का भोजन एक बार वहीं करते थे। जनप्रतिनिधि भी वहां किसी न किसी प्रोग्राम में आकर भोजन आम लोगों के साथ करते थे। फिर विधानसभा चुनाव के बाद रसोई बलवीर के हाथों से निकल गई और कई महीनों तक तो बंद ही रही। फिर बाद में बाहर के किसी एनजीओ को काम दिया गया, लेकिन उसके भोजन पर गंभीर सवाल है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 29 अगस्त 2023