(भोपाल) बीमा प्रिमियम राशि को लेकर पत्रकारों में पनप रहा सरकार के प्रति आक्रोश ,

- प्रिमियम की पूरी राशि भरे राज्य सरकार ,

- एमपी वर्किंग जर्नलिष्ट यूनियन ने मुख्यमंत्री से की माँग  ,

पत्रकारों से भी सरकार और बीमा कम्पनी ले रही जीएसटी..!

भोपाल / बैतूल । पत्रकारों के लिए बीमा योजना में प्रीमियम राशि देखकर पत्रकारों में असंतोष और आक्रोश व्याप्त हो रहा है। उनका मानना है कि यह प्रीमियम पिछली प्रीमियम की तुलना में बहुत ज्यादा है। अल्प वेतन कर्मचारी पत्रकार या श्रमजीवी पत्रकार इतना अधिक प्रीमियम जमा नहीं कर सकता है। बेहतर होगा कि सरकार इस प्रीमियम को बीमा कम्पनी से कम करवाए और मुख्यमंत्री स्वतः संज्ञान लेकर पूरी प्रिमियम राशि राज्य सरकार वहन करे।


मामले को लेकर पत्रकारों ने बताया कि जनसंपर्क विभाग और यूनाईडेट इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के माध्यम से यह बीमा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिमान्य एवम् गैरअधिमान्य पत्रकारों को इस बीमा में 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ 2 से 5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा और 5 से 10 लाख तक का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा कवर होता है। पत्रकारों के अनुसार अलग-अलग उम्र समूहों में जो प्रीमियम राशि रखी गई है वह पिछले बार के मुकाबले दोगुनी है। इसमें अधिमान्य और गैर अधिमान्य दोनों में प्रीमियम राशि बहुत ज्यादा रखी जा रही है। जो प्रीमियम चार्ट में 2 से 5 लाख तक का बताया गया है उसके अनुसार अधिमान्य पत्रकारों के लिये 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ 0 - 35 वर्ष में पति-पत्नि और दो बच्चों के साथ 5728 रूपये का प्रीमियम बताया गया है, पत्रकारों के माता-पिता के साथ यह प्रिमियम राशि 8803 रूपये हो रही है। वहीं इसी उम्र समूह में गैरअधिमान्य पत्रकारों के लिये 8380 रूपये का प्रिमियम बताया गया है, माता-पिता सहित 11455 रूपये बताया गया है। जबकि विगत वर्ष यह लगभग इसका आधे से भी कम था।

इसी तरह 4 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा एवम् 10 लाख के दुर्घटना बीमा के लिये 46 से 55 वर्ष में अधिमान्य पत्रकारों के लिये 10783 रूपये का प्रीमियम पति-पत्नि और दो बच्चों पर बताया है, वहीं माता-पिता के साथ 19872 रूपये बताया गया है। वहीं गैरअधिमान्य पत्रकारों के लिये 24595 रूपये का पति-पत्नी एवम् दो बच्चों का प्रिमियम बताया गया है तथा माता-पिता के साथ 33684 रूपये बताया गया है। जो कि विगत वर्ष के मुकाबले दो गुना से भी कहीं अधिक है।

इसके साथ ही 4 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा एवम् 10 लाख रूपये का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा प्रिमियम इतना अधिक बताया गया है कि अधिमान्य एवम् गैरअधिमान्य पत्रकारों को इसे कराने में वैसे ही पसीने छूट रहे हैं । उनका कहना है कि इसे कम किया जाना चाहिए। पत्रकारों का कहना है कि जो पत्रकार किसी मीडिया हाउस में मैदानी स्तर पर नौकरी करते है उनका वेतन भी बहुत ज्यादा नहीं होता। जैसे तैसे उनकी दाल रोटी चलती है। वहीं जो श्रमजीवी पत्रकार है उनके लिए तो और कठिन स्थितियां रहती है। 
इसे देखते हुए एमपी वर्किंग जर्नलिष्ट यूनियन मांग करती है कि पूरी प्रीमियम राशि सरकार को वहन करना चाहिए और इतने बड़े पैमाने पर बीमा मिल रहा है तो बीमा कंपनी को भी सरकार को करीब 50 फीसदी की रियायत प्रीमियम में देना चाहिए। यूनियन का कहना है कि सरकार को प्रीमियम राशि को लेकर पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा इस बढी़ हुई प्रिमियम राशि को लेकर आक्रोशित पत्रकारों को भी सड़क पर उतरकर आंदोलन करना पड़ सकता है।


- श्री राधावल्लभ शारदा
प्रदेशाध्यक्ष, एमपी वर्किंग जर्नलिष्ट यूनियन 
9425609484
86


- नवल वर्मा , जिलाध्यक्ष बैतूल एवं प्रांतीय मीडिया प्रभारी, एमपी वर्किंग जर्नलिष्ट यूनियन 
9425002316 
8770222316