बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। शाहपुर में बनाई जा रही एकलव्य विद्यालय की करोड़ों रूपये की बिल्डिंग जनजाति कार्य विभाग द्वारा ही करवाया जा रहा है और विभाग के जो एसडीओ इंजीनियर है उन्होंने निर्माण के दौरान मौके पर मौजूद ही नहीं रहे। नतीजा यह रहा है कि ठेकेदार ने खुली मनमानी की है। उसकी मनमानी का नतीजा यह है कि बिल्डिंग का भविष्य अभी से खतरे में नजर आ रहा है। भूकंपरोधी स्तर की स्ट्रेंथ इस बिल्डिंग में नहीं है, यह अंदेशा अलग-अलग सिविल इंजीनियर द्वारा बिल्डिंग को देखने के बाद जताया गया है। स्ट्रेंथ न होने का बड़ा कारण बिल्डिंग में जिस लोहे का उपयोग किया गया है, उसकी गुणवत्ता पर सवाल है। ठेकेदार ने अपना लाभांश बढ़ाने के लिए अनुमोदित कंपनी के लोहा का उपयोग नहीं किया। वर्तमान में जो कॉलम से बाहर निकली हुई रॉड को देखकर एक एक्सपर्ट का दावा है कि जिंक कोटेड लोहे की जगह सामान्य लोहे का उपयोग किया गया है, जिसकी वजह से उक्त राड में जंक लगा हुआ अलग ही नजर आ रहा है। उनका कहना है कि शासन ने सरकारी निर्माण कार्यो के लिए स्टील के लिए कंपनियों की लिस्ट अनुमोदित की है यह लोहा इसका कतई नहीं है, इसकी तो जांच सबसे पहले होना चाहिए। यहां पर कॉलम और बीम में जो रिंग का स्पेस रखा गया है, वह भी दूर है। वहीं कॉलम की स्टील रिंग की दूरी 10 सेंटीमीटर होना चाहिए, लेकिन यहां पर डबल दूरी पर रिंग बांधी गई है। जिससे दूरी 20 सेंटीमीटर से ज्यादा नजर आ रही है। इसके अलावा कॉलम में रिंग के साथ कटिंग लेंथ कम की गई है। जिससे रिंग में बैंड अंतिम में 8 सेंटीमीटर का होना चाहिए वह भी नहीं है। साथ ही रिंग में जो एस्ट्रा सपोर्ट ड्राईंग में है वह भी नहीं लगाया गया है। निर्माण में लोहे की चोरी की गई है और यह सब इसलिए संभव हो पाया कि विभाग के इंजीनियर और एसडीओ ने पूरा काम ठेकेदार के भरोसे छोड़ दिया था और केवल अपने फायदे पर ही फोकस किया। 

-इनका कहना....
यह बिल्डिंग भोपाल से स्वीकृत हुई है। एसडीओ से बोल देती हूं कि मौके पर जाकर एक बार जरूर चैक करें।
शिल्पा जैन, सहायक आयुक्त, जनजाति कार्य विभाग, बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 03 फ़रवरी 2024